Om Shanti Om, Part- 2
जैसा की हम सब जानते हैं की, शाहरुख़ खान की फिल्म ॐ शांति ॐ में एक बड़ा ही फेमस डायलाग है, “अगर किसी चीज को पूरे दिल से चाहो तो सारी कायनात तुम्हे उससे मिलाने की साजिश में लग जाती है। कहते हैं, फिल्मों की तरह हमारी ज़िन्दगी में भी अंत तक सबकुछ ठीक हो ही जाता है। हैपी एंडिंग्स। और अगर ना मिले, तो वो द एन्ड नहीं, इसका मतलब, पिक्चर अभी बाकी है। ”
अगर हम इस डायलाग की आखिरी लाइन पर गौर करें तो इसमें कहा गया है की अगर हैपी एंडिंग ना मिले तो इसका मतलब पिक्चर अभी बाकी है। उसी लाइन को फॉलो करते हुए सबसे पहले हम ये फाइंड आउट करेंगे की ॐ शांति ॐ की स्टोरी में हैपी एंडिंग कैसे नहीं थी।
फाइंड आउट करने के लिए, हम इसका एक क्विक रिकैप लेंगे।
ॐ शांति ॐ की कहानी में, ॐ नाम का एक लड़का है जिसका पूरा नाम “ॐ प्रकाश मखीजा है ” (Full Name)।
ॐ एक गरीब घर का लड़का होता है, जिसके पिता, फिल्मों में एक जूनियर आर्टिस्ट हुआ करते थे। उसके पिता के तरह उसकी माँ भी एक जूनियर आर्टिस्ट होती है। उनके बाद ॐ भी एक बड़ा फ़िल्मी सितारा बनने की ख्वाहिश से एक जूनियर आर्टिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुवात करता है। जब भी कोई बड़ी फिल्म आती तो उसे उस फिल्म में कोई न कोई एक छोटा मोटा रोल मिल ही जाता था, जिससे उसकी थोड़ी बहुत अर्निंग भी हो जाती थी। वो हर एक बड़े फ़िल्मी स्टारों को बड़े गौर से देखा करता, और खुद भी एक बड़ा फ़िल्मी सितारा बनने की ख्वाहिश रखता।
इन्ही शूटिंग के दौरान उसे एक बड़ी एक्ट्रेस के बारे में मालूम चलता है, जिसका नाम, शांति प्रिया होता है। वो उसे काफी अट्रैक्टिव लगती है, वो उसके बारे में अनेकों जानकारियां इकट्ठी करता है, जानकारी इकठ्ठा करते-करते वो दिल ही दिल में उस एक्ट्रेस से प्यार करने लगता है। वो अक्सर उस एक्ट्रेस के होर्डिंग के नीचे खड़ा हो कर अपने दिल की बातें उस होर्डिंग में उसकी तस्वीर से करता है। इस बारे में उसके अलावा उसके एक सबसे करीबी दोस्त को मालूम होता है।
ये सिलसिला बहुत दिनों तक चलता है, तभी एक फिल्म की शूटिंग को ले कर वो एक्ट्रेस उस शहर में आई होती है। ॐ का दोस्त जल्दी से उसके पास आकर उसे ये खबर देता है, और वो उस एक्ट्रेस को करीब से देखने के लिए, एक अवसर भी ढूंढ लेते हैं। जब वो एक्ट्रेस शूटिंग के सेट पर पहुँचती है तो उस एक्ट्रेस पर फूलों की बरसा के लिए बहुत सारे लोग नियुक्त किये गए होते हैं, उसमें ॐ भी अपना नाम देता है। ॐ और उसका दोस्त, वहां पहुँच जाते हैं, और वहां ॐ पहली बार “शांति प्रिया ” को करीब से देखता है।
ॐ के हाँथ में एक लॉकेट बंधा होता है जिसपर ॐ लिखा होता है। संजोग से, वो लॉकेट शांति के दुपट्टे के झालर में फस जाता है। जिससे शांति का दुपट्टा उसके शरीर से सरकने लगता है, वो दुपट्टा ना सरके इसीलिए वो उस एक्ट्रेस के पीछे-पीछे चलने लगता है।
तुरत ही शांति प्रिया को ऐसा महसूस होता है की उसका दुपट्टा सरक रहा है, वो उसी क्षण पीछे मुड़ती है और पहली बार उसकी नज़र ॐ से मिलती है, वो पहले इस बात से घबरा जाती है की आखिर ॐ उसके पीछे क्यों आ रहा है? तभी वो शांति को उसके दुपट्टा में फंसा हुआ लॉकेट दिखाता है, जिसे देख कर वो उस दुपट्टे को उसके लॉकेट से अलग कर के अंदर चली जाती है। तभी गार्ड्स वहां आते हैं, और वो ॐ को भी साइड कर देते हैं।
कुछ दिनों बाद शांति प्रिया के फिल्म के एक गाने का प्री-लांच शो होस्ट होता है, जिसमें केवल सारे बड़े एक्टर्स ही इन्वाइटेड होते हैं। चुकी, ॐ और उसका दोस्त सिर्फ एक जूनियर आर्टिस्ट होते हैं, इसीलिए वो उस शो को देखने नहीं जा सकते, लेकिन उसके दोस्त ने ये काम भी आसान कर दिया। उन् सारे एक्टर्स में एक एक्टर मनोज कुमार होते हैं जिनकी एक अजीब सी आदत है, वो हर वक़्त अपने चेहरे को अपने हाँथ से ढक कर चला करते हैं, उनकी इस आदत का फायदा उठा कर ॐ और उसका दोस्त उनसे पहले ही वहां पहुँच जाते हैं, और मुँह ढक कर मनोज कुमार का नाम ले कर अंदर जाते हैं, जब गार्ड उनसे पूछता है की दो लोग मनोज कुमार हैं क्या?
तो उसका दोस्त खुद को उनका असिसटेंट बोल कर अंदर चला जाता है। जब बाद में असली मनोज कुमार वहां आते हैं, तब गार्ड उन्हें पहचनाने से इंकार कर देता है और, फोरस्फुल्ली उन्हें वहां से भगा देता है। अंदर जब, ॐ को मनोज कुमार की फिक्र होती है, तो उसका दोस्त उससे कहता है, की मनोज कुमार जी बहुत अच्छे आदमी हैं, वो कभी बुरा नहीं मानेंगे।
अंदर जाकर वो पूरे गाने का मजा लेते हैं, ॐ उस गाने को देख कर खुद को एक्टर के जगह महशूस करने लगता है, और शान्ति के साथ खुद को डांस करता हुआ इमेजिन करता है।
सब उस गाने को देख कर बाहर निकल आते हैं।
अगला सीन, सेट का होता है, जहाँ ॐ को एक छोटा सा रोल मिला होता है। सीन के मुताबिक, वहां आग लगी होती है, आग के बीचो-बीच शान्ति प्रिया होती है, सीन के शुरुवात में ॐ को आग को देख घबराना होता है, और भागो भागो चिल्लाना होता है” उसके भागो भागो चिल्लाते ही सब को इधर-उधर भागना होता है।”
सब अपने रोल के मुताबिक बिलकुल वैसा ही करते हैं। भगदड़ मचने के बाद उस फिल्म में नियुक्त एक्टर को शांति प्रिया को बचाने के लिए आग में कूदना होता है, और शांति को वहां से बचा कर लाना होता है।
एक्टर बड़े ही आराम से बैठा होता है, जब सब उसे अपना रोल प्ले करने के लिए उससे बोलते हैं तब वो आग के ठंडी होने के बाद वहां जाने की बात करता है। वही दूसरी तरफ आग के बढ़ने से शान्ति की हालत ख़राब होने लगती है, ये सब, ॐ से नहीं देखा जाता है, और ॐ उस एक्टर से जा कर उसे शान्ति को बचाने की रिक्वेस्ट करता है, तब गुस्से में एक्टर उससे बोलता है, की अगर उसे शांति प्रिया की इतनी ही चिंता है, तो वो खुद ही जा कर उसे बचा ले।
ये देख कर ॐ को उस एक्टर पर गुस्सा आता है, लेकिन उस वक़्त शांति को बचाना ज्यादा जरूरी होता है इसीलिए वो उस एक्टर को वही छोड़ कर खुद आग में खुद पड़ता है, और वो शांति प्रिया को आग से बचा कर ले आता है।
इस दरमियान, ॐ को आग के कारण कुछ जख्म भी हो जाते हैं। वो उस जख्म की मरहम पट्टी करा रहा होता है, और शान्ति की तारीफ़ भी कर रहा होता हैं। उसी वक़्त, ॐ को थैंक्स बोलने के लिए शान्ति वहां आ जाती है, क्योंकि ॐ ने उसे आग से बचाया होता है। वो वहां, ॐ के मुँह से अपनी तारीफ़ सुन कर खुश हो जाती है।
इस इंसिडेंट के बाद वो फ्रेंड्स बन जाते हैं। उस फिल्म के इवेंट के दौरान, सारे एक्टर, एक्ट्रेसेस, और आर्टिस्ट्स को वहां एक ऑडिटोरियम में आना होता है। वहां सबके पहुँचने से ठीक पहले ॐ, शांति से मिलने के लिए वहां आ जाता है। जैसे ही वो वहां पहुँचता है, उसे किसी के आने की आहट सुनाई देती है, वो आहट सुन कर एक कोने में छुप जाता है।
तभी वो देखता है, की शांति प्रिया उस फिल्म के प्रोडूसर “मुकेश मेहरा” के साथ वहां आती है। दोनों के बीच हो रही बातों से ॐ को ये पता चलता है की शान्ति और मुकेश दो सालों से शादीशुदा हैं। और अब शांति प्रेग्नेंट भी है। जब शांति ज़ोर दे कर मुकेश को उनके रिश्तों को पब्लिक्ली एक्सेप्ट करने के लिए कहती है तो, मुकेश गुस्सा हो जाता है, और कहता है की मुझे इसी बात का डर था इसीलिए मैंने तुम्हे पहले ही रास्ते से हटाने का इंतजाम कर दिया था, लेकिन उस बेवक़ूफ़ जूनियर आर्टिस्ट ने आ कर तुम्हे आग से बचा लिया, लेकिन आज तुम नहीं बचोगी। वो शांति को उसी ऑडिटोरियम में जला कर मार देता है। और खुद वहां से बच निकलता है। उसे जरा भी अंदाजा नहीं होता है की अंदर शान्ति के साथ ॐ भी है, और उस आग में शान्ति के साथ-साथ ॐ भी जल कर मरा है।
कहानी के दूसरे हिस्से में..
ॐ का पुनर जन्म होता है और इस बार ॐ बहुत ही बड़े और फेमस एक्टर के घर में जन्म लेता है और वो अपने पिता के ही तरह एक फेमस और बड़ा एक्टर बनता है। एक पार्टी के दौरान उसकी मुलाकात मुकेश से दुबारा होती है। मुकेश को देख कर ॐ को पिछले जन्म की सारी बातें याद आ जाती है और ॐ, मुकेश से शान्ति के मौत का बदला लेने की ठान लेता है। वो अपने पिछले जन्म के घर में जा कर अपनी पिछले जन्म की माँ और अपने दोस्त से मिलता है। वो ॐ को बाकी की कहानी बताते हैं।
फिर सब मिल कर ॐ शांति ॐ फिल्म जो की उस फायर इंसिडेंट के कारण बंद हो गई थी उसे फिर से शुरू करते हैं। सारी कहानियां दोहराई जाती है और अंत में ॐ मुकेश को उसी ऑडिटोरियम में दुबारा ले कर आता है। वहां ॐ, मुकेश को सारी बातें याद दिलाता है और अपने पुनर्जन्म की कहानी भी बताता है। मुकेश को डराने के लिए ॐ एक शान्ति जैसी ही दिखने वाली दूसरी एक्ट्रेस को ले कर आता है। लेकिन, इससे पहले वो एक्ट्रेस वहां आए, दरवाजा जाम हो जाता है और उस नकली एक्ट्रेस की जगह असली शांतिप्रिया की आत्मा वहां आ जाती है।
चुकी मुकेश पहले ही समझ चुका होता है की ये सब उसको डराने के लिए किया जा रहा है, इसीलिए वो दोनों को मारने की धमकी देता है, और पिस्तौल भी निकाल लेता है। इतने में ॐ भी शांति की आत्मा को नकली एक्ट्रेस समझ रोकने और बताने की कोशिश करता है की मुकेश को पहले से सबकुछ मालूम है। तभी शांति कुछ ऐसा बोलती है जिससे ॐ, और मुकेश दोनों चौंक जाते हैं।
शान्ति, मुकेश से कहती है की क्या सोंच रहे हो मुकेश, मुझे फिर से मारोगे, पुलिस को मेरी लाश चाहिए होगी ना ये सब साबित करने के लिए। मैं बताती हूँ कहाँ है वो लाश, तुम आग भुझने के बाद उस दिन वापस आए थे, मेरी लाश को ठिकाने लगाने के लिए, मैं ज़िंदा थी, मेरी साँसे चल रही थी। इसी झूमर के नीचे तुमने मुझे जिन्दा गार दिया।
इसी झूमर के नीचे मिलेगी पुलिस को मेरी लाश, ये बात सुनकर जैसे ही ॐ चौंका, मुकेश ने फ़ौरन शान्ति पर गोलियां चलाई लेकिन वो गोली शांति के आर-पार निकल गई। इतने में ॐ, मुकेश को धक्के मारकर गिराते हुए फिस्तौल को अपने हाँथ में ले लेता है। और जैसे ही वो मुकेश को गोली मारने के लिए आगे बढ़ता है, शांति उसे रोक देती है, और कहती है तुम इसे नहीं मारोगे, इसे मैं मारूंगी। और वो ऊपर देखती है। उसके ऊपर देखते ही ऊपर से झूमर मुकेश पर गिर जाता है, और मुकेश की मौत हो जाती है। मुकेश के मरते ही वो नकली एक्ट्रेस ॐ के पास आ जाती है, और ॐ के सामने ही शांति गायब हो जाती है।
फिर फिल्म बहुत अच्छे से रिलीज़ हो जाती है, और इस कहानी का अंत हो जाता है।
Part- 2
जैसा की हमने देखा की इस फिल्म में मुकेश और शान्ति दोनों की ही मौत हो जाती है, और ॐ और शांति भी, ॐ के पुनर्जन्म होने के बावजूद भी एक-दूसरे से मिल नहीं पाते हैं, इसीलिए इस फिल्म में हैपी एंडिंग बिलकुल भी नहीं लगती है।
और इस फिल्म में ही ऐसा कहा गया है की अगर हैपी एंडिंग ना हो तो इसका मतलब है की पिक्चर अभी बाकी है..
इसी आधार पर लेखक ने अपनी कल्पना के आधार पर एक कॉन्सेप्चुअल पार्ट- 2 स्टोरी का निर्माण किया है, सो एन्जॉय द स्टोरी..
Raj Ranjan Presents Om Shaanti Om Part- 2
सबकुछ ख़तम होने, फिल्म के रिलीज़ और ग्रैंड सक्सेस के बाद..
फिल्म की ग्रैंड सक्सेस के बाद सारे एक्टर्स अपनी अगली फिल्म को लेकर व्यस्त हो जाते हैं। अगली फिल्म के सिलसिले में ॐ को मोहबत्तमैन का रोल अदा करना होता है। फिल्म के सीन के मुताबिक ॐ को मोहबत्त मैन की कौसट्युम में फोर्थ फ्लोर से पूरे प्रोटेक्टक्शन के साथ जम्प करना होता है।
प्रोटेक्शन सिस्टम में हुई कुछ भूल के कारण रस्सी टूट जाती है, और ॐ चौथी फ्लोर से सीधा नीचे गिर जाता है, जिससे ॐ की स्पॉट डेथ हो जाती है।
दो दिनों बाद..
एक हॉस्पिटल में, एक मिडिल-क्लास फॅमिली में, एक औरत अपने तीसरे बच्चे को जन्म देती है। उस बच्चे का नाम भी ॐ ही रखा जाता है। ये बच्चा कोई और नहीं बल्कि वही ॐ होता है जिसने अपनी अधूरी प्रेम-कहानी पूरा करने के लिए एक बार दुबारा जन्म लिया है। ठीक उसी वक़्त देश के किसी और हिस्से में शांति प्रिया ने भी जन्म लिया होता है।
ॐ और शांति अपने- अपने राज्यों में एक साथ पलते और बढ़ते हैं। इस बार ॐ को अपने पिछली ज़िन्दगी के बारे में कुछ भी मालूम नहीं होता है। लेकिन शांति को सबकुछ मालूम होता है की वो कौन है, और ॐ ने कहाँ जन्म लिया है।
7 वर्ष की आयु में शांति मिमिक्रीइंग शुरू करती है। उसकी मिमिक्री को उसकी लोकलिटी में अत्यधिक प्रशंशा मिलती है। सब उसे एक स्टार के रूप में स्वीकार लेते हैं, और वो बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो जाती है। सबकुछ अच्छे से चल रहा होता है, और समय के साथ ॐ और शांति बड़े होते हैं।
बदलते समय के साथ,
वो अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करते हैं, और इंटरमीडिएट भी कर लेते है,
अपने स्कूल के दिनों में, जब शांति बहुत ही प्रोत्शाहित की जाती है और अधिक नाम कमा लेती है। तब उसे बहुत से ऑफर्स और प्रोमोशंस मिलते हैं। देखते ही देखते उसके मदद को कदम- कदम पर बहुत से लोग उसके साथ जुड़ जाते हैं।
शांति की माँ जो की भवयष्यवाणियों में बहुत ही विश्वास रखती हैं, वो अपने एक एस्ट्रोलॉजर को बुलवा कर ये पता करवाती है भविष्य में शान्ति का विवाह किसके साथ होगा। एस्ट्रोलॉजर शांति की माँ को बताता है की शांति का विवाह ॐ के साथ होगा। वो अपने लोगों से पता करवाती है की ॐ कौन है और वो कहाँ रहता है। वो सबकुछ पता करवाती है की ॐ की ज़िन्दगी कैसी है और वो किस परिस्थिति में पल बढ़ रहा है। उसकी परिवार की स्थिति कैसी है।
बाद में, वो इस नतीजे पर पहुँचते हैं की, ॐ एक साधारण जीवन जीने वाला एक सामान्य लड़का है। उनके इस तरह ॐ के बारे में पता लगाने के प्रयासों के कारण ॐ अपने आस पड़ोस में चर्चा का विषय बन जाता है और उसके परिवार के बीच ऐसा अस्पस्ट संकेत पहुँचता है की ॐ एक किस्मत वाला लड़का है और संभवतः उसका विवाह फ़िल्मी दुनिया की किसी एक्ट्रेस या फिर जानी मानी हस्ती से हो सकता है।
ॐ और शांति का बचपन लगभग एक जैसा होने लगता है। शांति का परिवार ॐ के बारे में जो कुछ भी पता लगवाता है, ॐ के परिवार को इस बारे में अपने आप कुछ अंदाजा हो जाता है, और वो ॐ को लगभग वैसा ही कुछ प्रोवाइड कराते हैं। वे एक जैसी ही फिल्में, वेब सीरीज, सीरियल और शो देखते है। वे एक जैसी दिखने वाली जगहों पर, घूमने-फिरने के लिए जाते है। यहां तक कि उनके पहनावे, फैशन, स्टाइल, दिन-रात सब कुछ एक जैसे होते हैं।
एक महान जीवन के साथ वे बड़े होते हैं। अपनी स्कूली शिक्षा और इंटरमीडिएट के बाद वो अपने कॉलेज लाइफ में कदम रखते हैं।
यह वह समय होता है जब उनकी नजरें इस जन्म में पहली बार एक दूसरे से मिलती हैं। अपनी पहली मुलाकात के दौरान वे एक-दूसरे के साथ बिल्कुल अजीब थे। क्लास में, एक सेमिनार एक्टिविटी के दौरान, जहाँ शांति एक शानदार स्पीच देती है जो की वास्तव में बेहद आकर्षक होता है। ॐ की एक नियमित आदत है कि वह जब भी किसी को कोई अच्छा और असाधारण कार्य करते हुए देखता है तब वो स्पेशली उससे मिल कर उसकी प्रशंसा किया करता है।
उसी आदत के कारण, वह शांति के पास जाता है और उसके स्पीच के संबंध में उसकी प्रशंसा करना शुरू कर करता है। जैसे ही वो ऐसा करता है, तो शांति को ऐसा महसूस होता है कि ॐ कोई एक लड़का है जो की पहले से ही उसके बारे में जानता है कि वो एक स्टार है इसलिए अनावश्यक रूप से उसका पीछा करने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए शांति ॐ को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देती है।
बाद में, ॐ को पता चलता है कि जिस लड़की की उसने प्रशंसा की थी वह एक स्टार है। उसे ये समझ में आ जाता है कि शांति उसे क्यों नजरअंदाज कर रही थी। उसके बाद ॐ शांति को फिर से परेशान नहीं करने का फैसला करता है।
एक दिन वे परीक्षा हॉल में बैठे होते हैं। जब सभी अपनी ऐन्सर शीट भरने में व्यस्त होते हैं। निरीक्षक की नजर अचानक से शांति पर पड़ती है और वो उससे पूछ डालती है की "क्या आप एक मिमिक्री स्टार हैं?? मैंने आपको टीवी और न्यूज़ में देखा है।"
शांति ने कहा हाँ। निरीक्षक बुदबुदायी, हाँ, मैंने आपको स्क्रीन पर देखा है। आपका चेहरा उसी से मेल खाता है। जब वे हॉल से बाहर निकले। ओम फिर से शांति के करीब आता है, और वह उसे पहचानने में भ्रमित हो जाता है। ओम की एक अजीब सी समस्या है कि वह नाम और चेहरे याद रखने में थोड़ा कमजोर है। ॐ उस स्टार के बारे में बहुत उत्सुक होता है, जिसकी प्रशंसा करते हुए वह गलती से उससे मिला होता है।
ॐ ने कहा! मैं अभी भी आपको पहचानने में असफल हो रहा हूं। मैंने आपके बारे में पढ़ा, आपकी तस्वीर भी गूगल पर देखि, लेकिन फिर भी आपको पहचान नहीं पा रहा हूँ, की आप सच में वही हो या नहीं। ऐसा सुन कर शांति अपने चेहरे से थोड़ी देर के लिए मास्क या दुपट्टा हटाती है, वो ऐसा दो-तीन बार करती है। लेकिन फिर भी ॐ के लिए बहुत मुश्किल होता है।
उसके बाद बहुत दिनों तक ॐ बार बार उस चेहरे को याद करने की कोशिश करता है। वो हमेशा उसे स्क्रीन पर, साथ ही साथ आमने सामने भी देख कर उस चेहरे को याद रखने की कोशिश करता है। शांति अक्सर उसके नजदीक से गुजर जाया करती है।
अंत में एक समय आता है जब ॐ शान्ति के चेहरे को अच्छे से याद कर लेता है और एक नजर में भी पहचान पाता है।
इसके बाद ॐ शांति से दोस्ती करने का फैसला करता है। उसे पता नहीं चलता है लेकिन जाने अनजाने में,ॐ का झुकाव शांति के तरफ बढ़ने लगता है। ॐ इस झुकाव को सिर्फ, शांति को अच्छी तरह से और बहुत करीब से समझने की एक जिज्ञासा समझता है। जब शांति को ऐसा महशुस होता है कि ओम उसका पीछा कर रहा है, तो वो एक दिन अचानक उसके सामने खड़ी होती है।
वह बस उसके चेहरे को एक टक देख रही होती है, और ॐ बहुत ही उलझन में होता है। और उसे कुछ भी समझ में नहीं आता है कि उस समय उसे क्या करना चाहिए। यह दृश्य बार-बार होता और हर बार ॐ ब्लैंक ही रह जाता है। और आख़िरकार एक दिन ॐ शांति से दो-चार शब्द बोलने का साहस जुटाता है। वो एक छोटी सी बातचीत होती है। वो कुछ बातें करते हैं और अंत में ॐ शांति से पूछता है की वो उससे कैसे कांटेक्ट कर सकता है, अगर वो आस-पास ना हो और भविष्य में उसे उससे बात करनी हो??
इसपर शांति ॐ से कहती है की, ॐ उसे इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकता है, फिर वो तुरंत वहां से चली जाती है। कुछ दिनों बाद, ॐ शांति के साथ हैंगऑउट करने की इक्षा प्रकट करता है।
किसी को विश्वास नहीं होता है की ॐ कितना भाग्यशाली है। शांति मान जाती है और वो एक साथ घूमने फिरने और समय बिताने लगते हैं। उनका समय बहुत अच्छा होता है और वो उस पल का पूरा आनंद लेते हैं।
शांति अपने स्टारडम का उपयोग करके ॐ को कुछ लोकप्रिय फिल्म अभिनेताओं से मिलवाती है। वो कलाकार उस शहर में एक फेमस शो होस्ट कर रहे होते हैं और ॐ को भी वहां आमंत्रित किया जाता है। यह एक बहुत बड़ा ऑडिटोरियम होता है जहाँ शो शानदार ढंग से चलता है। उस ऑडिटोरियम के बीचो-बिच एक पल ऐसा भी आता है जब ॐ शांति को गले से लगाता है और उसे चूमता है। ॐ उस समय बहुत ही सुकून, स्थिर और खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा होता है।
कुछ दिनों के बाद, कॉलेज के दिन समाप्त हो जाते हैं और वो एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं। ॐ अपने प्रोफेशनल लाइफ की शुरुआत करता और एक निजी फर्म में डिजिटल मार्केटर के रूप में काम करना शुरू करता है। जब ॐ अपने कामकाजी दिनों के चरम पर होता है, तो ॐ को ऐसा सुनने में आता है कि शांति ने एक फिल्म में लीड रोल अदा किया है।
ॐ खुद को शांति की फिल्म देखने से रोक नहीं पाता है। इसके लिए वह बेहद उत्साहित होता है। ॐ अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शांति की फिल्म देखता है। ॐ सभी को गर्व से बताता है की शांति उसकी अच्छी दोस्तों में से एक है। ॐ उस फिल्म को अपने दोस्तों को भी देखने के लिए रेकमेंड करता है। ॐ के दोस्त भी उस फिल्म को देखते हैं और जम कर तारीफ़ करते हैं।
ॐ अचानक से फिल्मी दुनिया में अपनी दिलचस्पी दिखाना शुरू कर देता है। वो कुछ मॉडलिंग और एक्टिंग के कोर्स करता है। उन अभिनेताओं से जुड़ने की कोशिश करता है जिससे शांति ने पहले उसका परिचय कराया था। वो अभिनेता ख़ुशी से ॐ की मदद करते हैं और उसे एक स्ट्रांग और प्रेरक कहानी ले कर आने का सुझाव देते हैं। ताकि उस कहानी का प्रचार कर वो ॐ की एक तरह से मदद कर सकें।
ॐ कड़ी मेहनत करता है, और उन अभिनेताओं के सामने एक प्रेरक और अनूठी गुणवत्ता वाली एक कहानी प्रस्तुत करता है। वो अभिनेता वास्तव में इस कहानी को पसंद करते हैं। वो सब उसी कहानी को एक फिल्म प्रोड्यूसर के सामने प्रस्तुत करते हैं। वो कहानी उस प्रोड्यूसर को भी बहुत पसंद आती है, वो बस कहानी में कुछ छोटे-मोटे बदलाव करने के लिए कहता है। वो प्रोड्यूसर उस कहानी की शूटिंग शुरू करने के लिए पैसे इन्वेस्ट कर उस कहानी को एक दमदार फिल्म बना कर जनता के सामने प्रस्तुति हेतु एक टीम की व्यवस्था करने के लिए भी सहमत हो जाता है।
ॐ उस फिल्म के डायरेक्टर के रूप में अपनी भूमिका निभाने की इक्षा व्यक्त करता है। सब उससे सहमत हो जाते है। जल्द ही, शूटिंग शुरू हो जाती है और वो सब कड़ी मेहनत करते हैं। पांच साल बाद, शूटिंग पूरी हो जाती है, और वो सब उस फिल्म को बड़े पर्दे पर रिलीज करने की तैयारी में होते हैं।
अंत में, वह फिल्म स्क्रीन पर हिट होती है और यह एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनती हैं। यह सुपर डुपर हिट फिल्म होती है। सभी उस फिल्म की तहे दिल से सराहना करते हैं और स्वागत करते हैं।
कुछ दिनों के बाद, ॐ को एक और कहानी पर काम करने का प्रस्ताव मिलता है। जब वो सवाल उठाता है कि इस कहानी के पीछे कौन है, तो उसे पता चलता है वो शांति है। ॐ बिलकुल शांति की ही तरह फिल्मी दुनिया में कदम रखते हुए शांति से दोबारा मिलता है। इस बार ॐ खुद को शांति को शादी के लिए प्रपोज करने से रोक नहीं पाता है।
ॐ शांति को प्रोपोज करता है, और शांति उसे स्वीकार भी कर लेती है। कुछ दिनों बाद यह ब्रेकिंग न्यूज थी कि जल्द ही ॐ और शांति शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।
यह वो दिन होता है जब उन्हें शादी करनी होती है। शादी के लहंगे में शांति बेहद खूबसूरत लग रही होती है। वो खुशी-खुशी शादी कर लेते हैं। उसके बाद उनका जीवन सुखमय व्यतीत होता है।
एक दूसरे के बंधन में बंधने के बाद शांति ॐ को उनके जीवन और दोनों की पूरी कहानी से अवगत कराती है। शांति ॐ को बताती है की उसे पहले से ही सब कुछ मालूम था। शांति और उसका परिवार बचपन से ही उसे फॉलो कर रहा था। शांति उसे ये भी बताती है कि कैसे ॐ ने उसे हासिल करने और उससे मिलने के लिए तीन बार जन्म लिया।
इन तीनो जन्मों में ॐ ने शांति को ही चुना था। शांति ॐ को पाकर खुद को भाग्यशाली महसूस करती है।
कहानी के पहले भाग में सही कहा गया है,
फिल्मों की तरह हमारी जिंदगी में भी अंत तक सब कुछ थिक हो ही जाता है, हैपी एंडिंग्स। और अगर ना मिले तो वो द एन्ड नहीं, इसका मतलब पिक्चर अभी बाकी है।
पार्ट- 1 की कहानी के अंत में ॐ और शांति एक-दूसरे से नहीं मिल पाए थे। तो, उन्हें मिलाने के लिए लेखक ने दूसरे भाग का निर्माण किया और कहानी को एक सुखद अंत दिया।
Happy Endings*****
डिस्क्लेमर- इस कहानी का पार्ट-2 पूरी तरह से लेखक की कल्पना है। सभी पात्र, लोग, स्थान काल्पनिक हैं। इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। यदि आप इस कहानी में दिखाई गई किसी घटना को किसी अन्य कहानी या व्यक्ति की वास्तविक कहानी के समान पाते हैं, तो यह केवल एक संयोग है। लेखक का उद्देश्य केवल दर्शकों का मनोरंजन करना है। लेखक कभी भी इस कहानी के माध्यम से किसी समुदाय को आहत नहीं करना चाहता। यदि कोई व्यक्ति इस कहानी को अपने आप से जोड़ता है और दावा करता है कि यह पहले से ही उसके साथ हुआ है तो यह सिर्फ एक संयोग मात्र है और उस मामले में लेखक जिम्मेदार नहीं है।